राजनैतिक दलों में अचानक बढ़ी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली नेताओं की डिमांड, जाने पूरी खबर
चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया और डिजिटल कैम्पेन की अहम भूमिका की वजह से राजनैतिक दलों में अचानक टेक्नोलॉजी फ्रेंडली नेताओं की डिमांड बढ़ गई है। पार्टी के आईटी वाररूम के साथ ही जिला, मंडल और बूथ स्तर पर ऐसे नेताओं की इस समय ज्यादा पूछ हो रही है। दरअसल चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल चुनावी रैलियों, जनसभा और नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगाई है। इस वजह से परंपरागत तरीकों से प्रचार संभव नहीं हो पा रहा है।
इस परेशानी को देखते हुए सभी दलों को आईटी और टैक्नोलॉजी के जानकारों को तवज्जो देनी पड़ रही है। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसे दलों के पास तो पहले ही आईटी सेल मौजूद है। लेकिन छोटे दलों को इस सेक्टर पर ज्यादा फोकस करना पड़ रहा है।
भाजपा, कांग्रेस, आप जैसे दल सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर पहले से हैं। लेकिन बसपा, सपा, यूकेडी और अन्य छोटे दलों के लिए इस क्षेत्र में अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। इसीलिए इन दलों में ऐसे कार्यकर्ताओं की खास डिमांड हैं जो डिजिटल व आईटी और सोशल मीडिया हैंडलिंग जानते हों।
चुनावों में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर भाजपा वैसे तो पहले से ही काफी सक्रिय रहती है लेकिन बदली परिस्थितियों के बाद अब पार्टी अपने आईटी और डिजिटल विंग को और मजबूत कर रही है। इसके लिए राजधानी में एक हाईटेक स्टूडियो के निर्माण का काम चल रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ समय में यह स्टूडियो पूरी तरक काम करना शुरू कर देगा।