सरकार ने उत्तराखंड में विद्यालय मानक प्राधिकरण का किया गठन, पढ़े पूरी खबर

सरकार ने उत्तराखंड में विद्यालय मानक प्राधिकरण (एसएसएसए) का गठन कर दिया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) इस प्राधिकरण के रूप में काम करने को अधिकृत किया गया है।

यह प्राधिकरण महानिदेशक-शिक्षा के अधीन चलेगा, जो शिक्षा में सुधार के लिए तो नीतियां बनाएगा ही, निजी स्कूलों में एडमिशन और फीस नियंत्रण के मानक भी तय करेगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि प्राधिकरण निजी स्कूलों के शिक्षक और कार्मिकों का वेतन भी निर्धारित करेगा। बुधवार शाम अपर सचिव-शिक्षा दीप्ति सिंह ने इसके आदेश किए। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र को लेकर भी अलग से विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

इस प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के साथ ही पांच हजार निजी स्कूल भी रहेंगे। इनमें 3400 से ज्यादा स्कूलों में आरटीई कोटे के तहत 90 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इन स्कूलों में इस वक्त शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या 25 हजार से अधिक है।

वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद से ही सरकार निजी स्कूलों में फीस और एडमिशन को नियंत्रित करने के लिए फीस ऐक्ट लागू करने का वादा करती आ रही थी। फीस ऐक्ट पर हालांकि, पिछली कांग्रेस सरकार में काम शुरू हो चुका था, लेकिन सरकार तब हिम्मत नहीं जुटा पाई। वर्तमान सरकार भी दावों के बावजूद हिचकिचाती रही। लेकिन, पिछले साल जारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्राधिकरण का प्रावधान होने के बाद सरकार के हाथ भी खुल गए।

शिक्षा में सुधार: सरकारी स्कूलों में शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए नीति तैयार की जाएगी। स्कूलों के विलय, विस्तार आदि पर सरकार को सुझाव दिए जाएंगे। फीस-एडमिशन नियंत्रण: प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन और फीस के लिए मानक तय होंगे। फीस वृद्धि का स्तर और समय भी तय किया जा जाएगा। अफसरों का अधिकार: प्राधिकरण के अफसरों को सरकारी और निजी स्कूलों के नियमित निरीक्षण का अधिकार होगा।

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