पीएम मोदी ने किया ये बड़ा ऐलान ,गंभीर बीमारियों से ग्रसित और हेल्थ वर्करों को लगाई जाएगी ये…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार देर रात ऐलान किया कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित और हेल्थ वर्करों को कोरोना वैक्सीन की जिस ‘प्रिकॉशनरी डोज’ लगाई जाएगी। अब खबर यह है कि यह प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग हो सकती है, जिसकी दोनों डोज लाभार्थी पहले ही ले चुके हैं।
दरअसल, देश के कोविड टीकाकरण पर बने शीर्ष टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप में इस बात को लेकर सहमति है कि प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग होनी चाहिए, जिसकी दोनों डोज पहले ली जा चुकी है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वैक्सीन की तीसरी खुराक को बूस्टर की बजाय ‘प्रिकॉशनरी डोज’ कहे जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि सभी विकल्प खुले रहें और तीसरी खुराक किसी और वैक्सीन की भी दी जा सके। खबर के मुताबिक, इसकी प्रबल संभावना है कि प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग हो जिसकी दोनों डोज पहले ली गई हों।
अगले कुछ महीनों में भारत के पास वैक्सीन के कई विकल्प होंगे। इस दौड़ में सबसे आगे हैदराबाद के बायोलॉजिकल ई की बनाई कोरबावैक्स है, जो प्रोटीन सब-यूनिट कोविड-19 वैक्सीन है। केंद्र सरकार ने कोरबावैक्स की 30 करोड़ खुराकें रिजर्व रखने के लिए पहले ही 1500 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। सूत्रों की मानें तो अगले दो हफ्तों के अंदर कोरबावैक्स को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है।
इसके अलावा प्रिकॉशनरी डोज के लिए जिस वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है, उसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई कोवावैक्स शामिल है। यह एक नैनोपार्टिकल प्रोटीन आधारित कोरोना वैक्सीन है। अमेरिका स्थित नोवावैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को फिलिपींस ने इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है।