दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी खरीद में तेजी, ब्याज दरों के सस्ता होने से भी मांग में वृद्धि का अनुमान

रिजर्व बैंक के द्वारा ब्याज दरों में कटौती का सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलने लगा है। कई प्रमुख बैंकों ने रेपो दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का फैसला करते हुए अपनी कर्ज की दरों में कटौती की घोषणा की है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे प्रमुख बैंकों ने अपने ब्याज दरों में कटौती की सूचना दी है। ये निर्णय आज यानी 15 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। इसका असर दूसरे बैंकों पर भी पड़ सकता है और वे भी जल्द ही ब्याज दरों में कटौती का एलान कर सकते हैं। इससे दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी बाजार में एक बार फिर तेजी आ सकती है।

पहली बार घर खरीदने वाले ग्राहकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। पिछले कुछ समय से सुस्त पड़े प्रॉपर्टी बाजार में इस समय प्रॉपर्टी की कीमतें भी कम दरों पर उपलब्ध हैं। इसका लाभ उठाते हुए भी पहली बार के निवेशक घर खरीदने को अपनी प्राथमिकता में रख सकते हैं। अभी इस समय बाजार की जो स्थिति बनी हुई है, माना जा रहा है कि फिलहाल कुछ समय तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं है। इससे भी घर खरीदने में मदद मिल सकती है। इससे भी प्रॉपर्टी बाजार के बेहतर करने का अनुमान लगाया जा रहा है।

शेयर बाजार की चाल से भ्रमित हुए थे निवेशक
पिछले दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। शेयर बाजार विशेषज्ञ भी यह मानकर चल रहे थे कि बीएसई एक लाख अंक तक के आंकड़े तक पहुंच सकता है। इससे आकर्षित होकर भारतीय निवेशकों ने शेयर बाजार में जबरदस्त तरीके से पैसा झोंकना शुरू कर दिया। इससे शेयर बाजार में खूब तेजी दिखाई पड़ी। लेकिन इसका असर यह हुआ कि बेहतर निवेश के लिए जो निवेशक प्रॉपर्टी में पैसा लगाते थे, वे प्रॉपर्टी बाजार से दूर हो गए। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार की तेजी में प्रॉपर्टी की खरीद पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आधे पर रह गई है।

लेकिन अब स्थिति बिल्कुल उलट हो गई है। ट्रंप के टैरिफ वॉर ने वैश्विक बाजार में तूफान मचा दिया है। पूरी दुनिया के शेयरों में भारी गिरावट हुई है। इसमें भारतीय शेयर बाजार भी बुरी तरह लुढ़का है। बीएसई में निवेशकों के 11.30 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं। अब निवेशकों के पास इतना पैसा भी नहीं बचा है कि वे शेयर बाजार से निकालकर उसे किसी सुरक्षित ठिकाने (प्रॉपर्टी बाजार) में लगा सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर भी प्रॉपर्टी बाजार पर पड़ेगा और अभी मांग में बढ़ोतरी की संभावना कम ही है। प्रॉपर्टी बाजार में जो कुछ बेहतरी दिखाई देगी, वह पहली बार के निवेशकों के माध्यम से ही आएगी।

Related Articles

Back to top button