असली परीक्षार्थियों की उम्र 35 साल…20 से कम के सॉल्वर, यूपी बोर्ड को भी ऐसे दिया धोखा

मुरादाबाद: मुरादाबाद जिले के नकल माफिया ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में सॉल्वर बैठाने की गहरी साजिश रची। जुलाई 2024 में जब बोर्ड परीक्षा के फाॅर्म विद्यालयों से माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को भेजे गए। तभी असली छात्र का फोटो न लगाकर सॉल्वर समीर राजपूत का फोटो लगाकर भेजा गया था।
इसके कारण ही प्रवेशपत्र पर सॉल्वर का फोटो छपकर आया और खूबचंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने तय योजना के मुताबिक उसे सत्यापित कर दिया। वर्तमान समय में सभी प्रवेश पत्र ऑनलाइन डाउनलोड होते हैं। फोटो, नाम, माता-पिता का नाम, पता, विषय समेत हर विवरण का सत्यापन करने के बाद प्रधानाचार्य उस पर हस्ताक्षर करते हैं।
ऑनलाइन जारी किए गए प्रवेशपत्र पर छात्र का फोटो पहले से छपा हुआ होता है, इसलिए योजना बनाकर माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ धोखाधड़ी की गई। इसके कारण ही खूबचंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सुभाष कश्यप के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। सवाल यह भी है कि सॉल्वर अब तक असली छात्र की जगह चार पेपर दे चुका था।
परीक्षा केंद्र में सचल दल या किसी निरीक्षक को भनक तक नहीं लगी। 24 फरवरी को हिंदी, एक मार्च को गणित, चार मार्च को विज्ञान व सात मार्च को अंग्रेजी का पेपर उसने दे दिया। डीआईओएस कार्यालय में संचालित कंट्रोल रूम को पता तब चला जब सॉल्वर पकड़ा जा चुका था।
बड़ी लापरवाही के बावजूद डीआईओएस के स्तर पर विभागीय जांच से इन्कार किया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट को कार्रवाई मान लिया गया। शिक्षा विभाग का तर्क है कि पुलिस अपने स्तर से जांच पड़ताल करेगी।
35 साल है असली परीक्षार्थियों की उम्र सॉल्वर 20 साल से कम के
पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक मुनेंद्र कुमार का कहना है कि जिस विद्यार्थी के नाम पर समीर राजपूत लगातार परीक्षा दे रहा है, उसकी उम्र 35 साल है, जबकि समीर की उम्र लगभग 20 साल है। इसी तरह दूसरा सॉल्वर बीकू पाल भी 19 साल का है, जबकि असली छात्र की उम्र 35 साल है। बीकू पाल ने प्रवेशपत्र से छेड़छाड़ कर दोबारा स्कैन कराया हुआ फोटो लगाया था। मुनेंद्र कुमार ने ही चेकिंग के दौरान सॉल्वर बीकू पाल को पकड़ा, जिसके बाद सारे मामले का खुलासा हुआ।