हुरियारिनों ने बरसाईं लाठियां…हुरियारों की खुद को बचाने की लीला ने मोहा भक्तों का मन

मथुरा: लाठियों और ढाल के अद्भुत अनोखे रंग से गुलजार हो उठी बरसाना की गलियां। हुरियारिनों ने मस्ती में डूबे हुरियारों पर लाठियां बरसाईं तो मस्ती में डूबे हुरियारों द्वारा ढालों की ओट में खुद को बचाने की लीला जब रंग-रंगीले बरसाना में हुई तो मानो द्वापर युग सजीव हो उठा। लठामार होली की लीला की जीवंतता का आलम ऐसा था कि इसे देखने आंखें लालायित थीं और दिल इस रंग से सराबोर होने को मचल उठते हैं।
आनंद का समां ऐसा बंधा कि होली देखने को चन्द्र देव व सूर्य देव भी उतावले दिखे। जहां चन्द्र देव आने को बेताब तो वहीं सूर्य देव भी कहां पीछे हटने वाले थे, उन्होंने भी अस्त होने की गति ही रोक दी, हुरियारों हुरियारिनों की लठामार अनोखी होली के साक्षी बने।
यूं तो बरसाना में दिन भर होली के रंग बरसे पर शाम पांच बजते ही लठमार होली शुरू हो गयी। नंदगांव के हरियारे बरसाना पहुंचे तो हुरयारिनें लठ लिए तैयार मिलीं। ताबड़तोड़ लाठी की बौछार शुरू हो गई, जमकर लठ बजाए गए।
हुरियारे भी जैसे तैयार होकर आए थे। हुरियारिनों ने उन्होंने उन्हें खूब दौड़ाया, लेकिन उन्होंने भी इन वारों को अपनी ढालों पर झेला। बरसाना इस अद्भुत, अलौकिक दृश्य से सराबोर होता रहा। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस अनुपम होली के साक्षी बने।