‘हम दलदल सुखा रहे, यहां अब कट्टर वामपंथियों का कब्जा नहीं’, निर्वासन की कार्रवाई पर बोले ट्रंप

अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चर्चा में बने हुए हैं। पहले एक महीने में उन्होंने 70 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इसमें कई फैसलों को अदालतों में चुनौती दी जा चुकी है। देश की संघीय अदालतें ट्रंप के फैसलों पर अस्थायी रोक भी लगा चुकी है। इन्हीं फैसलों में एक अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने का है। अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बाहर करने के अपने फैसले पर ट्रंप का कहना है कि वे देश में दलदल को सुखाने का काम कर रहे हैं। ट्रंप ने विरोधियों को आड़े हाथ लिया और कहा कि अब देश में कट्टर वामपंथी लोगों का नियंत्रण नहीं रहेगा।

इन लोगों को अमेरिका से निकाला जा रहा है
ट्रंप ने पहले की सरकारों और प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा, अमेरिका में कई वर्षों से कट्टरपंथी वामपंथियों का नियंत्रण रहा है। हालांकि, अब इनका नियंत्रण नहीं रहेगा। रविवार को कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में ट्रंप ने बड़े पैमाने पर निर्वासन का उल्लेख करते हुए कहा कि वे देश में अब सही मायने में ‘लोगों द्वारा सरकार’ की स्थिति बहाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धोखेबाजों, झूठों, डीप स्टेट नौकरशाहों और वैश्विकवादी नेताओं को अमेरिका से निकाला जा रहा है। अवैध विदेशी अपराधियों को उनके घर भेजा जा रहा है। ट्रंप ने लोकतंत्र के मशहूर कथन- लोगों द्वारा और लोगों के लिए सरकार बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं।

अमेरिका में किस फैसले के कारण देश से निकाले जा रहे प्रवासी
बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अवैध प्रवासियों को देश से निकालने का एलान किया था। इस फैसले के बाद भारत में भी 300 से अधिक लोगों को वापस भेजा जा चुका है। जिन लोगों को निकाला गया है, उन पर आरोप है कि वे बिना वैध कानूनी दस्तावेज के अमेरिका में रह रहे हैं। इन लोगों को निकाले जाने के समय पैरों में बेड़ियां और हाथों में हथकड़ी लगाने का मुद्दा संसद में भी गूंजा था। इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि इस संबंध में लगातार अमेरिकी प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि नागरिकों की गरिमा से खिलवाड़ न हो।

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