आयुष्मान भारत योजना से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की हुई बचत, जेब खर्च में आई कमी

नई दिल्ली:  आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना ने सामाजिक सुरक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि के माध्यम से जेब खर्च में कमी लाने में अहम भूमिका निभाई है। इसमें 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। शुक्रवार को संसद में सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। इस सर्वेक्षण में बताया गया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) ने भारत के जरुरतमंद आबादी को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान की।

यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य-बीमा योजना है जो 12 करोड़ से अधिक परिवारों या लगभग 55 करोड़ व्यक्तियों को कवर करती है। रिपोर्ट में बताया गया कि एक जनवरी 2025 तक 36.36 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड जारी किए गए। इस योजना के तहत 30 हजार अस्पताल और 13352 प्राइवेज सुविधाएं सूचीबद्ध हैं। पिछले साल 11 सितंबर 2024 में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार करते हुए इसमें 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी शामिल किया गया है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज मिलता है। इस पहल के तहत 4.5 करोड़ परिवारों के लगभग छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलता है।

पात्र वरिष्ठ नागरिकों को योजना के लाभों तक पहुंचाने के लिए वय वंदना कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। जो लोग पहले से ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें सालाना पांच लाख रुपये का विशेष टॉप-अप मिलेगा। रिपोर्ट में बताया गया कि 15 जनवरी 2025 तक 40 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने इस योजना के तहत नामांकन किया। इसके अलावा पहलों में फ्री डायलिसिस योजना भी शामिल है, जिसमें 25 लाख लोगों को लाभ मिलता है।

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