जी-7 ने रूस को दी सख्त चेतावनी, कहा फौज के साथ यूक्रेन पर चढ़ाई…
जी-7 देशों ने रूस को यूक्रेन से परे रहने या गंभीर नतीजे झेलने की चेतावनी दी है. लिवरपूल में जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस का मुद्दा छाया रहा. इसके अलावा ईरान पर भी बात हुई.
दुनिया के सबसे धनी सात देशों के संगठन जी-7 ने रविवार को युनाइडेट किंग्डम के लिवरपूल में मुलाकात की. इस बैठक के बाद जारी साझा बयान में रूस और ईरान को चेतावनी दी गई है. जी-7 ने कहा कि परमाणु समझौता करने के लिए ईरान के हाथ से वक्त निकलता जा रहा है और अगर ऐसा ना हुआ तो उसे सख्त नतीजे झेलने होंगे.
इसी के साथ रूस को यूक्रेन में आक्रमण के मंसूबे ना पालने की भी चेतावनी जारी की गई. रूस पर प्रतिबंधों की तैयारी जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों ने रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले की संभावनाओं की चर्चा की. अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का आकलन है कि रूस अगले साल की शुरुआत में पौने दो लाख की फौज के साथ यूक्रेन पर चढ़ाई कर सकता है.
रूस इन आरोपों से इनकार करता रहा है. हालांकि उसने यह गारंटी मांगी है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा और रूसी सीमा के नजदीक नाटो देश हथियार तैनात नहीं करेंगे. पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से वीडियो पर हुई एक मुलाकात में भी रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने यही मांग रखी थी.
तब जो बाइडेन ने कहा था कि अगर यूक्रेन पर चढ़ाई की जाती है तो रूस को सख्त आर्थिक प्रतिबंध झेलने होंगे. जी-7 देशों ने अमेरिका के इस कदम का समर्थन किया है.
ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि यूक्रेन पर रूस के किसी भी आक्रामक कदम के गंभीर नतीजे होंगे और उनकी भारी कीमत होगी.” पाइप लाइन पर खतरा ट्रस ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंधों की जहां तक बात है तो सारे विकल्पों पर विचार किया गया. हालांकि किसी तरह की स्पष्ट सहमति नहीं बनी है कि नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइप लाइन पर भी प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं.