एक सिगरेट छीन लेती है जीवन के औसत 20 मिनट, लगातार धूम्रपान करने से सिकुड़ जाता है मस्तिष्क

धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। ताजा अध्ययन में पता चला है  कि एक सिगरेट जीवन के औसत 20 मिनट खत्म कर देती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से जुड़े वैज्ञानिकों ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) में धूम्रपान करने वालों के जीवनकाल की जांच की है और इसके नतीजे जर्नल एडिक्शन में प्रकाशित हुए हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार केवल यूके में 65 लाख से अधिक लोग धूम्रपान करते हैं। अध्ययन के दौरान पुरुषों के लिए ब्रिटिश डॉक्टर्स स्टडी और महिलाओं के लिए मिलियन वूमन स्टडी के आंकड़ों का उपयोग किया गया है ताकि यह समझा जा सके कि धूम्रपान से उम्र पर क्या प्रभाव पड़ता है। प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि लंबे समय तक धूम्रपान करने वाले पुरुषों में सिर्फ एक सिगरेट पीने से जीवन प्रत्याशा 17 मिनट और औरतों में 22 मिनट घट जाती है।

धुएं में 250 हानिकारक रसायन
तम्बाकू के धुएं में मौजूद 7,000 से अधिक रसायनों में 250 हानिकारक माने जाते हैं। इनमें 69 कैंसर कारक हैं। कैंसर पैदा करने वाले रसायनों में एसीटैल्डिहाइड, ऐरोमैटिक अमीन, हरताल, बेंजीन, बेरिलियम, ब्यूटाडाईन, कैडमियम, क्रोमियम, क्यूमेने,एथिलीन ऑक्साइड, फोरमेल्डीहाइड, निकेल, पोलोनियम-210, पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक, हाइड्रोकार्बन, तम्बाकू विशिष्ट नाइट्रोसेमाइन्स और विनाइल क्लोराइड हैं।

लगातार धूम्रपान करने से सिकुड़ जाता है मस्तिष्क
अध्ययन से पता चला कि लगातार धूम्रपान करने से दिमाग सिकुड़ जाता है। यह लत समय से पहले दिमाग को बूढ़ा बना देती है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में इसकी लत के शिकार लोगों को अपनी याददाश्त, सोचने समझने, बोलने, सीखने और निर्णय लेने जैसे दिमागी कौशल में 85 फीसदी से अधिक की गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।

हर साल 87 लाख मौतों के लिए तंबाकू जिम्मेदार
वैश्विक स्तर पर तम्बाकू हर चार सेकंड में एक जिंदगी को लील रही है। इसका मतलब की हर साल होने वाली 87 लाख मौतों के लिए सीधे तौर पर तम्बाकू जिम्मेदार है। दुर्भाग्य से इनमें से 13 लाख लोग वो हैं जो न चाहते हुए भी दूसरों द्वारा किए धूम्रपान के कारण पैदा हुए धुंए का शिकार बन जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनियाभर में 130 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं।

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