इमरान के समर्थन में हिंसा करने वालों को सजा सुना सकेंगी सैन्य अदालतें, सुप्रीम कोर्ट ने लगाईं शर्तें

पाकिस्तान में नौ मई 2023 को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थन में हिंसा करने वाले 85 लोगों के खिलाफ आरक्षित फैसलों को सैन्य अदालतें सुना सकेंगीं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सैन्य अदालतों को इसकी सशर्त अनुमति दी। न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने पिछले साल के पांच सदस्यीय पीठ के फैसले के खिलाफ अंतर न्यायालयी अपील पर सुनवाई की। पांच सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में इन नागरिकों के मुकदमे सैन्य अदालतों की बजाय आपराधिक अदालतों में चलाने के लिए कहा था।

शुक्रवार को सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति खान ने कहा कि सैन्य अदालतों के फैसले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुनी जा रही अपील पर अंतिम निर्णय के अधीन होंगे। अदालत ने फैसला सुनाया कि जिन संदिग्धों को उनकी सजा में रियायत दी जा सकती है, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। लेकिन जिन संदिग्धों को रिहा नहीं किया जा सकता, उन्हें उनकी सजा सुनाने के बाद जेल में भेज दिया जाए।

दरअसल, नौ मई 2023 को पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ को विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसमें सेना के प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए थे। हमले सेना की संपत्ति पर हुए थे, इसलिए 100 से ज्यादा संदिग्धों के मामलों को सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया था।

23 अक्तूबर 2023 को इन्ही मामलों को लेकर न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सर्वसम्मति से कहा था कि सैन्य अदालतों में नागरिकों पर मुकदमा चलाना संविधान के विरुद्ध है। अभियुक्तों पर सैन्य अदालतों में नहीं बल्कि आपराधिक अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा।

Related Articles

Back to top button