राउत ने ‘एक देश एक चुनाव’ पर सरकार को घेरा; बांग्लादेश मुद्दे पर उद्धव ने पीएम मोदी से पूछे सवाल
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक की आलोचना की। उन्होंने बताया कि इस विधेयक में अपर्याप्त शोध और संशोधन किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहने की क्षमता पर भी सवाल उठाया। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। संजय राउत ने आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में सरकार लोकतांत्रिक तरीके से नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिए बनी हैं।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, इसके बारे में कोई उचित संशोधन या शोध नहीं किया गया था। मोदी जी हमेशा अपने मन की बात करते हैं। वह कभी नहीं सोचते कि विपक्ष में लोगों के मन में क्या चल रहा है। मुझे संदेह है कि मोदी जी 2029 तक प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे भी या नहीं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। महाराष्ट्र और दिल्ली में आपकी सरकार लोकतांत्रिक तरीके से नहीं बल्कि ईवीएम के जरिए बनी हैं।
कांग्रेस के सांसदों ने जताई आपत्ति
कांग्रेस के कई सांसदों ने एक राष्ट्र एक चुनाव लाने के प्रस्तावित कदम पर आपत्ति व्यक्त की। पार्टी के मुख्य नेताओं ने इसे लेकर सवाल भी उठाए। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ल ने कहा, मुझे सुनने में आया कि एक राष्ट्र एक चुनाव को समिति में भेजा जाएगा। एक राष्ट्र एक चुनाव पर चर्चा जरूरी है। मुझे नहीं लगता कि इससे हर दिन चुनाव न कराने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा, क्योंकि इससे विधानसभाएं भंग हो जाएगी। जब तक यह प्रावधान नहीं आएगा कि विधानसभाएं पांच वर्षों के लिए भंग नहीं होगी, तब ही एक राष्ट्र एक चुनाव का कोई मतलब होगा।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आलोचना करते हुए कहा, भाजपा के पास भी लोकसभा या राज्यसभा में दो तिहाई सीट नहीं है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि किस आधार पर रामनाथ कोविंद कह रहे हैं कि जीडीपी 1.5 फीसदी बढ़ेगी। मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानता हूं। वे कोई अर्थशास्त्री नहीं है। जेडीयू सांसद संजय झा ने इस विधेयक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि देश में बार बार चुनावों के कारण विकास कार्य नहीं रुकेगा।
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा था।