हमेशा याद आएंगे जनरल बिपिन रावत के ये बयान, जानिए आप भी
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भले ही दुखद हादसे में दुनिया को अलविदा कह गए हैं, लेकिन उनका योगदान हमेशा स्मरण रहेगा। सैनिक पिता की संतान रहे जनरल बिपिन रावत को उत्कृष्ट सैनिक के साथ ही बड़े रणनीतिकार के तौर पर भी याद किया जाएगा।
2017 में आर्मी चीफ रहते हुए जब उन्हों देश के ढाई मोर्चे के युद्ध के लिए तैयार होने की बात कही थी तो हर कोई हैरान था कि यह आधा मोर्चा क्या है। दरअसल उन्होंने एक मोर्चा पाकिस्तान को माना तो दूसरा चीन को और आधा मोर्चे की बात उन्होंने देश में आंतरिक संघर्ष और आतंकवाद को माना था। सैन्य रणनीति के महारथी जनरल रावत के ऐसे ही कुछ बयानों को हमेशा याद किया जाएगा।
इसी साल मई में चीन से चल रहे सीमा विवाद को लेकर जनरल बिपिन रावत ने कहा था, ‘हम सभी को यह समझना होगा कि किस तरह की मुश्किल चीन और पाकिस्तान सीमा पर है। ऐसे मुद्दों को रातोंरात नहीं सुलझाया जा सकता है और यह भी नहीं कह सकते कि ये कब तक हल हो जाएंगे। मैं यही कह सकता हूं इन मसलों को हल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं और कोशिश है कि आपसी सहमति से ही इन्हें सुलझाया जाए।
जब हम अपनी सीमाओं के मुद्दे हल करते हैं तो कोई भी देश रणनीतिक बढ़त नहीं खोना चाहता। सरकार जिस तरह से चाहेगी, उसी तरह से सीमा के मसले हल होते हैं। हमें यह भी सोचना होगा कि दुश्मन कैसे सीमा विवाद का हल चाहता है। हम किसी भी ग्राउंड पर पीछे हटना स्वीकार नहीं कर सकते। इसलिए हम डटे हुए हैं।’
2017 में आर्मी चीफ रहे जनरल बिपिन रावत ने ढाई मोर्चे की जंग के लिए देश के तैयार रहने की बात कही थी। उन्होंने ढाई मोर्चे की बात कहकर पाकिस्तान, चीन और आंतरिक संघर्ष की चुनौतियों का जिक्र किया था। इसमें खासतौर पर कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि जल्दी ही यहां हालात सामान्य हो सकेंगे।
रायसीना डायलॉग में बोलते हुए जनरल बिपिन रावत ने कश्मीर में आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा था कि छोटे बच्चों को रैडिकलाइज किया जा रहा है। उन्होंने कहा था, ‘मैं नहीं मानता कि रैडिकलाइजेशन से मुकाबला नहीं किया जा सकता।
जो भी चीज शुरू होती है, उसका अंत भी तय है। रैडिकलाइजेशन से निपटा जा सकता है। इसके लिए आपको वहां नजर रखनी होगी, जहां यह हो रहा है। कौन लोग इस काम को अंजाम दे रहे हैं? यह काम स्कूलों, यूनिवर्सिटी, धार्मिक स्थानों में हो रहा है। कुछ लोगों का समूह है, जो इस कट्टरता को फैला रहा है।’
इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए इसी साल मार्च में जनरल बिपिन रावत ने सीमाओं पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सीमाओं पर ढांचागत विकास के मामले में हम अगले 3 से 4 साल में ही चीन की बराबरी पर होंगे। उनका कहना था कि आज हम उस गति से काम कर रहे हैं, जितनी स्पीड हमारे प्रतिद्वंद्वी की है। अभी हमने उनकी बराबरी नहीं की है, लेकिन अब ज्यादा समय नहीं लगेगा।
जनरल बिपिन रावत ने सितंबर 2019 में सेना प्रमुख के कार्यकाल के दौरान पीओके को लेकर भी अहम टिप्पणी की थी। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चर्चा में आए रावत ने कहा था कि सेनाएं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी ऐक्शन के लिए हमेशा तैयार हैं। उनका कहना था सेना हमेशा तैयार है। इसके लिए साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि इसका फैसला तो सरकार को ही लेना है।