सीएम सुक्खू ने किया बालिका आश्रम कल्पा का दौरा, बालिकाओं को 25-25 हजार देने की घोषणा
रिकांगपिओ : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को कल्पा स्थित बालिका आश्रम का दौरा किया। उन्होंने छात्राओं से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। सीएम ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही देश का पहला ऐसा कानून बनाया, जिसमें आश्रम की बालिकाओं का 27 वर्ष तक सरकार ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई करने के लिए इच्छुक बालिकाओं को हर महीने 4 हजार रुपये मिलेंगे। जिस संस्थान में पढ़ रही हैं या पढ़ना चाहती हैं, उसकी सारी फीस सरकार देगी। उन्होंने बताया कि हॉस्टल की बालिकाओं के लिए साल में एक बार घूमने के लिए तीन स्टार वाले होटलों में रहने की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार निराश्रित बच्चों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में अनाथ और विशेष रूप से सक्षम बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। कहा कि सभी अनाथ बच्चे राज्य की जिम्मेदारी हैं और उचित देखभाल इन बच्चों का अधिकार है। हिमाचल प्रदेश इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देने और इनके अधिकार प्रदान करने के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने आश्रम की बालिकाओं को जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत और निरन्तर प्रयास करने को कहा। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त किन्नौर को बालिका आश्रम का समय-समय पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि बच्चों की सभी समस्याओं का समय पर निवारण हो सके।
सीएम ने रोघी सुसाइड प्वाइंट पर बेटी के साथ खींची तस्वीर
सुक्खू ने आश्रम की प्रत्येक बालिका को दिवाली उपहार के रूप में 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने बच्चियों को ट्रैक सूट भी भेंट किए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कल्पा के बौद्ध मंदिर में शीश नवाया। उन्होंने कल्पा से आगे रोघी सुसाइड प्वाइंट का निरीक्षण किया और अपनी बेटी के साथ फोटो भी खिंचवाई। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी, उपायुक्त किन्नौर अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पहले छात्राओं ने समूह गान, एकल गान और भाषण देकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस पर सीएम छात्राओं की सराहना की और इसी तरह आगे बढ़ने के लिए आशीर्वाद दिया।