‘सुलोचना’ और ‘डायना’ की मदद से बाघ को पकड़ने में जुटा वन विभाग, ड्रोन कैमरे में कैद हुई तस्वीर

लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी के हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव इमलिया और मूड़ा अस्सी में दहशत का पर्याय बने बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग अब दुधवा की दो मादा हाथियों की मदद ले रहा है। गुरुवार को सुलोचना और डायना मूड़ा अस्सी गांव पहुंची। वनकर्मी और बाघ को बेहोश करने वाले चिकित्सकों ने हाथियों पर बैठकर कॉम्बिंग करना शुरू किया।

मूड़ा अस्सी के करीब गन्ने के खेत के ऊपर ड्रोन कैमरा उड़ाया गया, जिसमें बाघ नजर आया, लेकिन गन्ना घना होने के कारण बाघ को बेहोश नहीं किया जा सका। शुक्रवार को बारिश के कारण अभियान में दिक्कत आ रही है। फिलहाल इलाके में दहशत बनी हुई है।
दो लोगों की जान ले चुका है बाघ

मोहम्मदी-महेशपुर रेंज में बाघ ने गांव इमलिया निवासी अमरेश कुमार और गांव मूड़ा अस्सी निवासी जाकिर अली को हमला कर मार डाला था। इसके बाद से वन विभाग लगातार बाघ को पकड़ने का प्रयास कर रहा है। कहीं मचान बनाकर निगरानी तेज की गई है, तो वहीं गन्ने के खेतों के आसपास कैमरे और बहराइच में भेड़ियों को पकड़ने में मदद करने वाले थर्मल ड्रोन भी उड़ाए गए, मगर बाघ अब तक पकड़ में नहीं आया।

आखिरकार वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा के हाथियों की मदद लेने का फैसला किया। वनकर्मियों ने दुधवा के दो मादा हाथियों सुलोचना और डायना की मदद से निगरानी शुरू कर दी है। दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि दुधवा से दो हाथी मंगाए गए हैं। निगरानी शुरू कर दी है। गांव मूड़ा अस्सी के करीब बाघ की लोकेशन मिली है, लेकिन वन विभाग की टीम अभी उसे पकड़ नहीं सकी है।

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