67 फीसदी इंजीनियरों को AI के कारण नौकरी जाने का डर, 87% ने माना- कॅरिअर बचाने के लिए कौशल विकास जरूरी

एआई के कारण 67% इंजीनियरों को नौकरी जाने का डर सता रहा है। ग्रेट लर्निंग की शोध रिपोर्ट 2024-25 ने कहा, 67.5% इंजीनियरों ने माना कि उनकी नौकरियों पर एआई का बुरा असर पड़ रहा है। जबकि 87.5% का कहना है कि तकनीक के अत्यधिक अपग्रेड के चलते कॅरिअर सुरक्षित रखने के लिए कौशल विकास अधिक महत्वपूर्ण है।

एआई की नियमित कार्यों को स्वचालित करने और जटिल डाटा विश्लेषण करने की क्षमता इंजीनियरिंग परिदृश्य को नया आकार दे रही है। अनुमान के अनुसार, अगले दशक में 20-40% इंजीनियरिंग कार्यों को स्वचालित किया जा सकता है। इसके अलावा 89% इंजीनियर नए कठिन कौशल हासिल करने की योजना बना रहे हैं। इसमें एआई-एमएल सर्वाधिक मांग वाले क्षेत्र हैं। एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे के डीन डॉ. दिनेश सेठ ने कहा, इंजीनियरों की भूमिका प्रभावित होने जा रही है।

15 लाख स्नातकों में 10% को ही नौकरी
नई दिल्ली। इस वर्ष भारत में 15 लाख इंजीनियरिंग स्नातकों में से सिर्फ 10% को ही नौकरी की संभावना है। देश में इंजीनियरिंग स्नातकों की रोजगार क्षमता 60% से अधिक है, लेकिन सिर्फ 45% स्नातक ही इंडस्ट्री के मानकों पर खरे उतरते हैं। हाल में टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप की जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि देश में इंजीनियरिंग लंबे समय से देश के विकास का आधार रहा है। जबकि बदलती तकनीक के कारण रोजगार में गिरावट आई है। यह खतरनाक है।

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