मजबूत मांग से डेयरी उद्योग के राजस्व में 13-14% वृद्धि की उम्मीद, कच्चे दूध की बढ़ी आपूर्ति
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में अच्छे मानसून की संभावना होने की वजह से भी दूध की आपूर्ति में अच्छी होने की उम्मीद है। देश की डेयरी उद्योग का राजस्व इस वित्त वर्ष में 13 से 14 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है इसकी बढ़ी वजह मजबूत उपभोक्ता मांग है।
कच्चे दूध की आपूर्ति में सुधार के साथ दूध से बने उत्पादों के मूल्य और खपत बढ़ने से मांग को समर्थन मिलेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में अच्छे मानसून की संभावना होने की वजह से भी दूध की आपूर्ति में अच्छी होगी। कच्चे दूध की आपूर्ति बढ़ने की वजह इससे डेयरी कंपनियों के लिए वर्किंग कैपिटल की जरुरत भी बढ़ेगी साथ ही अगले दो वित्तीय वर्ष में संगठित डेयरियों का निवेश बढ़ने की वजह से उनके लोन स्तर में भी वृद्धि होने की संभावना जताई गई है। बावजूद इसके मजबूत बैलेंस शीट के कारण क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहने का अनुमान है।
मांग में मजबूती
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निनदेशक मोहित मखीजा कहते हैं कि डेयरी उद्योग के राजस्व में वॉल्यूम में 9 से 11 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। दूध से बने उत्पादों की केटेगरी उद्योग के राजस्व में 40 प्रतिशत का योगदान दे सकती है। उनका कहना है कि आय बढ़ने से उपभोक्ता ब्रांडेड उत्पादों की और आकर्षित हो रहे हैं। होटल, रेस्तरां और कैफे सेगमेंट में दूध से बने प्रोडक्टस की बिक्री से भी कंपनियों का राजस्व बढ़ेगा। रिपोर्ट के अनुसरा दूध की आपूर्ति पिछले वित्त वर्ष 230 मिलियन टन से बढ़कर इस वित्तीय वर्ष में 240-245 मिलियन टन होने की उम्मीद है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में 38 डेयरियों द्वारा किया गया सालाना पूंजीगत व्यय 2,600-2,700 करोड़ रुपये रहा है।
मूल्य वर्धित उत्पाद से जारी रहेगी वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में वीएपी (मूल्य वर्धित उत्पाद) में देखी गई मजबूत राजस्व वृद्धि जारी रहेगी। क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा, इस वित्तीय वर्ष में, इस खंड में 18-20 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए और परिणामस्वरूप, कुल राजस्व में वीएपी की हिस्सेदारी पिछले चार वित्तीय वर्षों में 35 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो सकती है। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष में, कच्चे दूध की आपूर्ति में व्यवधान के कारण खुदरा दूध की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी हुई, जिससे राजस्व में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन संगठित डेयरी क्षेत्र की लाभप्रदता पर असर पड़ा। इस माहौल में, स्वस्थ बैलेंस शीट को देखते हुए, संगठित डेयरियों का क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत रहेगा।
कंपनियों को करना होगा निवेश
क्रिसिल रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर रुचा नारकर कहती हैं कि हालांकि इस वित्तीय वर्ष में डेयरी उद्योग का राजस्व और मुनाफे में सुधार होगा लेकिन दूसरी और कर्ज का स्तर भी बढ़ेगा। इसके दो मुख्य कारण एक तो फ्लश सीजन के दौरान दूध की आपूर्ति से स्किम्ड मिल्क पाउडर बनाया जाता है जिसकी इन्वेंट्री अधिक होगी और इस्तेमाल पूरा साल किया जाता। यह स्किम्ड मिल्ड पाउडर डेयरी की वर्किंग कैपिटल में कर्ज का 75 प्रतिशत का हिस्सा रखता है। दूसरा कारण यह कि दूध की बढ़ती मांग के लिए नई दूध की खरीदारी, दूध प्रसंस्क्रण क्षमताओं को बढ़ाना और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के विस्तार के लिए भी कंपनियों को निवेश की आवश्यकता होगी।