सीरिया में इस्राइल की सर्जिकल स्ट्राइक, स्पेशल फोर्स के 120 कमांडोज ने तबाह की ईरान की मिसाइल फैक्ट्री

इस्राइली वायु सेना ने गुरुवार को खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने सीरिया में एक सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस्राइली वायु सेना ने बताया कि यह उसके सबसे मुश्किल और जाबांज मिशन में से एक ऑपरेशन था, जिसमें स्पेशल फोर्स के 120 कमांडो ने सीरिया में घुसकर ईरान की एक मिसाइल फैक्ट्री को तबाह किया। इस्राइल ने बताया कि यह खुफिया और अहम ऑपरेशन बीते सितंबर में किया गया था। इस्राइल के कमांडोज ने सीरिया में घुसकर ईरान की भूमिगत मिसाइल फैक्ट्री पर छापा मारा और फिर उसे तबाह कर दिया।

हिजबुल्ला को हथियारों की सप्लाई के लिहाज से अहम थी फैक्ट्री
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की इस मिसाइल फैक्ट्री में बनी मिसाइलों का इस्तेमाल हिजबुल्ला और सीरिया की असद सरकार द्वारा किया जा रहा था। जिस फैक्ट्री पर हमला किया गया, उसे साइंटिफिक स्टडीज एंड रिसर्च सेंटर के रूप में जाना जाता है और यह सीरिया में राजधानी अलेप्पो के नजदीक पहाड़ी इलाके में मौजूद थी। यह फैक्ट्री इस्राइली सीमा से सीरिया में करीब 200 किलोमीटर अंदर मौजूद थी। हिजबुल्ला को हथियारों की सप्लाई के लिहाज से यह फैक्ट्री काफी अहम थी। इस ऑपरेशन में इस्राइल को कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ था। अब असद सरकार के सीरिया की सत्ता से बाहर होने के बाद इस ऑपरेशन की जानकारी सामने आई है।

भूमिगत थी ईरानी फैक्ट्री
इस्राइली सेना को साल 2017 से ही ईरान की इस मिसाइल फैक्ट्री के बारे में जानकारी थी। भूमिगत होने के चलते इस्राइल यहां हवाई हमले नहीं कर पा रहा था। इस फैक्ट्री में रॉकेट मिसाइल के इंजन बनाए जा रहे थे और इस फैक्ट्री की क्षमता 100-300 मिसाइल सालाना बनाने की थी। जिस जगह यह फैक्ट्री थी, वह लेबनान के नजदीक थी। ऐसे में सीरिया की फैक्ट्री में मिसाइलें बनाकर उन्हें लेबनान में हिजबुल्ला के पास भेजा जाता था। गौरतलब है कि इस्राइली हमलों में हिजबुल्ला और हमास को भारी नुकसान हुआ है और दोनों संगठनों के शीर्ष नेतृत्व का लगभग सफाया हो चुका है।

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